COVID -19 से संबंधी Gastrointestinal Symptoms को भूलकर भी अनदेखा ना करे

COVID -19 से संबंधी Gastrointestinal Symptoms को भूलकर भी अनदेखा ना करे

Covid-19 के चलते लोगो को गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं से भी जूझना पड़ रहा है।गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संबंधी समस्या आपको लंबे समय तक प्रभावित कर सकती है। अभी हाल में ही एक रिपोर्ट के मुताबिक 5 में से 1 सीओवीआईडी रोगियों में मुख्य तौर पर जी मिचलाना ,उल्टी और दस्त जैसे लक्षण दिखाई दिए हैं, जोकि गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संबंधित लक्षणों की ओर संकेत करता है।

Covid-19 जैसी महामारी जैसे ही पूरे विश्व पर अपने पैर पसारने लगी। लोगों में इसके अलग-अलग लक्षण दिखाई दिए और इसके प्रकार में भी भिन्नता थी। जब की सूची में इसकी वृद्धि और विस्तार का जिक्र  गया है।Covid-19  पता लगाने के लिए इसके कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार है।

-रोगी को बुखार आने के साथ-साथ सुखी खांसी की शिकायत होना।

-गले में खरास होना

-रोगी की नाक बहना और भरी हुई होना

-सीने में दर्द की शिकायत के साथ सांस लेने में समस्या और थकान महसूस करना

COVID-19 से संबंधी रोगी में  गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या

कोरोनावायरस के नए लक्षणों  में आमतौर पर रोगियों में कुछ इस तरह की समस्या देखी गई

Lack of hunger

Covid-19 से प्रभावित व्यक्ति रोगी की खाने-पीने की आदतों पर गलत असर डाल सकता है। विशेष तौर पर इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को गंध और स्वाद में कमी आ सकती है ।चीन में किए गए एक शोध के मुताबिक देश में सीओवीआईडी -19 के 80 प्रतिशत रोगियों को भूख कम लगने की सूचना प्राप्त हुई है।

Nausea

Covid-19 से प्रभावित लोगो पर किए गए वुहान के शोध के मुताबिक सीओवीआईडी ​​-19 के 10% रोगियों में सामान्य लक्षणों में बुखार होने के दो दिन पहले रोगी में जी मचलना और दस्त जैसे समस्या ने दस्तक दी थी।

Diarrhea and abdominal pain

इस महामारी से प्रभावित होने पर रोगी के आंत के रोगाणु को भी नुकसान पहुंचता है ।जिसके फलस्वरूप आपको गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संबंधित समस्या खड़ी हो सकती है। एक अन्य शोध में जिक्र किया गया है कि  इस महामारी यानी की COVID 19 से पीड़ित व्यक्ति में 5 से 1 रोगी को आमतौर पर दस्त के साथ ही पेट दर्द की समस्या का सामना करना पड़ता है।।रोगी का पेट खराब रहता है।इसके अतिरिक्त एक अध्ययन के मुताबिक कोरोनावायरस के यह लक्षण जिस किसी भी में पाए जाते हैं उनके शरीर में एक और कमी हो जाती है ।उस कमी के अनुसार रोगी के शरीर से वायरस को छानने के लिए दूसरों की अपेक्षा अधिक समय लगता है।

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