केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने सातवें बजट में आम आदमी को राहत देने के उद्देश्य से विभिन्न क्षेत्रों में कई बड़ी घोषणाएँ कीं। सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट में ऐसे महत्वपूर्ण बदलाव शामिल हैं जो रोज़मर्रा के खर्चों को प्रभावित करते हैं।
इन घोषणाओं में सबसे अहम है कैंसर की दवाओं की कीमत में कमी। इसके अलावा, चार्जर सहित मोबाइल उपकरणों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी (BCD) में 15% की कटौती की गई है। सोने और चांदी पर कस्टम ड्यूटी घटाकर 6% कर दी गई है, जिससे इन कीमती धातुओं की कीमतों में कमी आएगी। इसी तरह, चमड़े और जूतों पर ड्यूटी कम कर दी गई है, जिससे ये सामान ज़्यादा किफ़ायती हो गए हैं।
बजट में सस्ती वस्तुएँ:
- सोना और चाँदी: सीमा शुल्क में कमी
- आयातित आभूषण: लागत में कमी
- प्लैटिनम: सीमा शुल्क में कमी
- कैंसर की दवाएँ: सस्ते उपचार
- मोबाइल चार्जर: कम बी.सी.डी.
- मछली का भोजन: लागत में कमी
- चमड़े की वस्तुएँ: शुल्क में कमी के कारण सस्ती
- रसायन और पेट्रोकेमिकल्स: लागत में कमी
- पी.वी.सी. फ्लेक्स बैनर: कम कीमत
- सौर पैनल: अधिक किफायती
बजट में अधिक महंगी वस्तुएँ:
- प्लास्टिक की वस्तुएँ: आयात शुल्क में वृद्धि
- पेट्रोकेमिकल्स (अमोनियम नाइट्रेट): उच्च सीमा शुल्क
- पी.वी.सी.: आयात में कटौती के लिए शुल्क में 10% से 25% तक की वृद्धि
- हवाई यात्रा: उच्च लागत
- सिगरेट: बढ़ी हुई कीमत
बजट में 2047 तक ‘विकसित भारत’ के लिए एक रोडमैप तैयार किया गया है, जिसमें रोजगार, कौशल विकास, कृषि और विनिर्माण पर ध्यान केंद्रित किया गया है।