Anna Mani जो भारतीय भौतिक विज्ञानी और मौसम विज्ञानी की 140 वीं जयंती है, और आज आपको गूगल ने बहुत आकर्षक बनाया है जिसे आप गूगल सर्च इंजन पर देख सकते है। आपको बता दें की अन्ना मणि ने भारत के मौसम से सम्बंधित उपकरणों के क्षेत्र में बहुत ही अहम भूमिका निभाई थी। अन्ना मणि मौसम को जांचने के लिए उपकरण को बनाने में योगदान दिया है जोकि आज देश के मौसम के हाल का अनुमान लगते है। तो आइए दोस्तों जानते है की अन्ना मणि कौन थी और उनके योगदान के बारे में –
Anna Mani जन्म 23 अगस्त 1918 में केरल के पीरूमेडू में हुआ जिन्हे ‘भारत की मौसम महिला’ नाम से भी जाना जाता है। अन्ना मणि 1939 चेन्नई में प्रेसिडेंसी कॉलेज से केमेस्ट्री और फिजिक्स से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया, इसके बाद आगे के लिए पढ़ाई करने के लिए लंदन गयी और वहां इम्पीरियल कॉलेज 1945 में पूरा किया।
पढ़ने के साथ ही अन्ना मणि मौसम से सम्बंधित उपकरणों पर काम शुरू कर दिया था , पढ़ाई और ट्रेनिंग पूरा करे के बाद 1948 में वापस भारत आ गयी। सबसे पहले अन्ना मणि की नौकरी मौसम विभाग में लगी और वहां बहुत से मौसम से सम्बंधित उपकरणों बनाये जो मौसम के हाल और भविष्यवाणी करने में बहुत ही सहायक साबित हुए।
बेंगलुरू में एक लैब की स्थापना जिसका काम सोलर एनर्जी और हवा की गति को मापना था। भारतीय मौसम विभाग 1969 में उप महानिदेशक नियुक्त किया गया यहाँ से 1976 उप-निदेशक के पद से रिटायर हुईं।
Anna Mani जी का जीवन शैली बहुत ही सिंपल था, महात्मा गांधी की सोच से बहुत प्रभवित थी इसलिए हमेशा खादी और स्वदेशी वस्त्र पहनती थी। अन्ना मणि जी को अपने क्षेत्र बहुत से उपलब्धियां हासिल करने के कारण 1987 में रामानाथ मेडल दिया गया। केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में 16 अगस्त, 2001 अन्ना मणि अंतिम सांस ली।